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मंगलवार, अक्तूबर 26, 2004

तव्हान्जी चिठिन जा तमाम धन्यवाद

तव्हान्जी चिठिन जा तमाम धन्यवाद
मुखे हिन ब्लोग मो खणई सुठो रिस्पान्स मिल्यो आहे, साण ही इयो भी पतो पयो कि पहन्जा सिन्धी भावर, दुनिया मे काथे काथे रहवन ता प्या, मा वट, अफ्रीका, यूरोप, कनाडा, इन्डिया,अमरीका,कुवैत,दुबई ए पाकिस्तान मो भी चिट्ठियूँ पहत्यू आहिन.

हाणे, सुनाप खो, पो अचो कुछ गालबोल कयूँ.

मुंजे कुछ मित्रन पुछ्यो आहे कि हो हिन्दिय मे कियं लिखि सखंदा आहिन, त उनन जे लाय खुशखबरी इय आहे कि, हिन्दीय मे लिखण घणयी सौलो आहे, बस हिकड़ो साफ्टवेयर लाहेण पवन्दो, इन्टरनेट खौ, हिते क्लिक कयों,

ए पहन्जे कम्पयूटर जे सिस्टम मुताबिक वरजन डाउनलोड कयों. जियें तव्हा अग्रेजीय मे लिखंदा आह्यो तियें ही हिन्दीय मे लिखी सघबो आहे, बिना मात्राउन जी परवाह किये.
काइ दिक्कत या परेशानी थेयव, ता मुखों सम्पर्क कयों. मुखे खुशी थीन्दी, पहन्जे भाव भैनरून जी मदद करण मे.

असाँ जल्द ही वैचारिक मेल मिलाप जो सम्बन्ध शुरू कन्दासे, हिन पन्ने खे पहन्जे बुकमार्क मे स्टोर कर शद्यो.

तव्हा पहन्जी इमेल लिखंन्दा रहो, मुखे खुशी ठीन्दी,
अच्छा सांई हाणे राम राम,बिहर मिलउ ता प्या.

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About me

  • I'm Jitendra Chaudhary
  • From Kuwait, Middle East, Kuwait
  • जन्म से कानपुरी, लेकिन रोटी के लिये मिट्टी से दूर,Database और VB के डाक्टर, Internet के लती, खाना छोड़ सकते है Surfing नही.लेखन मे उग्र.,राजनेताओ से खासी चिढ,भारत की सामाजिक एवम राजनैतिक दुर्दशा से व्यथित.आजकल कुवैत मे डेरा है, यही पर बसेरा है.अक्सर Middle East और यूरोप के बीच चक्कर लगाते हुए पाये जाते है,क्या करे रोजी रोटी का सवाल है. -----सपनाः हिन्दी इन्टरनेट की आधिकारिक भाषा बने.------ -----पसन्दः राजनीतिक चर्चा------ -----नापसन्दःनहाने के बाद,पत्नी द्वारा,बाथरूम मे वाइपर लगाने को बाध्य किया जाना-----
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