« Home 

रविवार, अक्तूबर 24, 2004

जान पहचान

सभिनी सिन्धी भावर ए भेनरिन खे मुहिंजी रामराम ए हरेराम.

कुछ भी चवण खो पहिरो चओ भगवान जो नालो वठव.
आयोलाल त चव झूलेलाल..... जेको चौवन्दो झूलेलाल तहिन्जा थीन्दा बेडा पार.

सभिनो खो पहरो तव्हा सभिनी खे मा पहिन्जो परिचय दैयण चाहिन्दो आहिया. मुहिन्जो नालो जीतेन्दर् चौधरी आहे, ए मा कानपुर,उत्तर प्रदेश, हिन्दुस्तान जी पैदाइश आहियाँ, असान्जा वदा पाकिस्तान जे सिन्ध मे पुराणे सक्खर जा रहण वारा हुया, मा कम्पूटर प्रोफेशनल आहियाँ, ए इन्दन चार सालन खौ कुवैत मे कम कन्दर आहिया ए हिते ही पहिन्जो घर थायल आहे.. मुहिन्जी सिन्धी एतरी सुठी काने पर मुखे पूरो यकीन आहे कि तव्हा मुहिन्जी गलितिन खे माफ कन्दव.

तवहान्खे त पतो हि हुन्दो कि सिन्धीय भाषा जी हालद इन्दन सालन मे कैहरी कदर खराब थीन्दी वयी आहे, असा सिन्धी थी करे भी सिन्धी कोन ता गालायूँ, असान्जा बार बच्चा सिन्धीय खौ हिन कदर अनजान आहिन कि जिये सिन्धी काई बाहरी भाषा हुजे, असि अगर मुम्बई मे रहन्दा आयिहु त मराठी गालये सिघु ता, हिन्दी ए अंग्रेजी गालाय सिघु ता, त असांखे सिन्धी गालायण मे कैहरी शरम... असां पहिन्जे बारन खे सिन्धी भाषा छो कोन ता सिखायऊ....असांखे खपे कि पहिन्जे बारन खे सिन्धी संस्कृति जो ज्ञान दियहु, अगर असाँ अज भी ना जागन्दा से ता सिन्धीय जी पहचान ही गुम थी वेन्दी, ए इन सभिन जा जिम्मेदार असाँ ही कहिलाइन्दा से.

हिन पन्ने जे थिरू मा तव्हा खे पहिन्जी गाल्यू बुदायिन्दुस ए तव्हांखे सिन्धी भाषा जे बारे मे भी खणी सारी जानकारी देयण जी कोशिश कन्दुस. तव्हांखे बस पहिन्जे टाइम मो थोड़ो टाइम कडी करे, हिन पन्ने जे बारे मे पहिन्जे बेइन सिन्धी भाइरन ए भेनरिन खे बुदायो...है कन्ट्रीब्यूशन ही घणइ वनो सहयोग थीन्दो.

अगर कोई पहिन्जो लेख या कविता या ब्यो कुछ भी मोकलण चाहिन्दो आहे ता, मुखे लिखो... इमेल सजे हथ मे डिनल आहे....
हाणे मुखे मोकल दियो... तव्हासाँ बिहर मिलण जे वादे सा.............. तव्हान्जो अजीज ‍ ‍‍‍---जीतू चौधरी.
सिन्धी आहियो सिन्धी गालायो.

E-mail this post



Remenber me (?)



All personal information that you provide here will be governed by the Privacy Policy of Blogger.com. More...

Add a comment

 

About me

  • I'm Jitendra Chaudhary
  • From Kuwait, Middle East, Kuwait
  • जन्म से कानपुरी, लेकिन रोटी के लिये मिट्टी से दूर,Database और VB के डाक्टर, Internet के लती, खाना छोड़ सकते है Surfing नही.लेखन मे उग्र.,राजनेताओ से खासी चिढ,भारत की सामाजिक एवम राजनैतिक दुर्दशा से व्यथित.आजकल कुवैत मे डेरा है, यही पर बसेरा है.अक्सर Middle East और यूरोप के बीच चक्कर लगाते हुए पाये जाते है,क्या करे रोजी रोटी का सवाल है. -----सपनाः हिन्दी इन्टरनेट की आधिकारिक भाषा बने.------ -----पसन्दः राजनीतिक चर्चा------ -----नापसन्दःनहाने के बाद,पत्नी द्वारा,बाथरूम मे वाइपर लगाने को बाध्य किया जाना-----
My profile

Previous posts

Links

Powered by Blogger
and Blogger Templates